JAI GURU GEETA GOPAL

गुरुर्देवो गुरुर्धर्मो गुरौ निष्ठा परं तपः। गुरोः परतरं नास्ति त्रिवारं कथयामि ते ।। भगवान शिवजी कहते हैं - "गुरु ही देव हैं, गुरु ही धर्म हैं, गुरु में निष्ठा ही परम तप है। गुरु से अधिक और कुछ नहीं है। यह मैं तीन बार कहता हूँ।" (श्री गुरुगीता श्लोक 152)........... हरेर्नाम हरेर्नाम हरेर्नामैव केवलम ! कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा !! "इस ब्लॉग में जो भी इसमें अच्छा लगे वो मेरे गुरू ब्रह्मलीन स्वामी कल्याण देव जी का प्रसाद है, और जो भी बुरा लगे वो मेरी न्यूनता है" मनीष कौशल

Thursday, December 11, 2025

प्राणायाम (Pranayam)

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प्राणों के संग्रह का विज्ञान  अष्टांग योग के पहले तीन चरणों यम, नियम, आसन के बाद चौथा चरण है प्राणायाम। प्राणायाम के माध्यम से चित्त की शु...
Tuesday, December 9, 2025

विश्वास (Vishwas )

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सच्चा विश्वास इस तरह बदल सकता है हर परिस्थिति को जिंदगी सिर्फ एक ही आधार पर चलती है। वो आधार है विश्वास। अगर हमारे मन से विश्वास समाप्त...
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Thursday, October 30, 2025

जय गुरु गीता गोपाल (Jai Guru Geeta Gopal )

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गुरुर्देवो गुरुर्धर्मो गुरौ निष्ठा परं तपः | गुरोः परतरं नास्ति त्रिवारं कथयामि ते || ...... भगवान शिवजी कहते हैं - "गुरु ही देव हैं...
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